शुक्रवार, 24 मई 2019

छद्म राष्ट्रीयता

आओ इस छद्म राष्ट्रीयता का जश्न मनाएं
जहां रोम जले और नीरो बांसुरी बजाए

खून पीने वाले ये एकता के सिपाही
जिन का घाव अभी भरा नहीं है
पहना दो उसे कफन
क्योंकि वह अभी मरा नहीं है

और सारी राष्ट्रीयता
एक कूप मंडूक के समान
भोग रहे हैं जो आजादी की वीभत्सता
एक पागल अहेरी के समान

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