सोमवार, 20 मई 2019

कविता का स्वरूप

कैसा हो कविता का स्वरूप, आओ इस पर मनन करें
समाज - देश की समस्याओं का कविता में चयन करें।

मनोरंजन और प्रेरणाा का स्रोत हो
छोड़कर लकीरें, कुछ नई खोज हो
सौंदर्य- बोध हो पर अश्लीलता का दमन करें।

मनुुष्यत्व को नया आयाम दें
पशुुत्व को विराम दें
रूढ़िवादिता को दफन करें।

मात्र कलम चलाना न कवि का काम हो
कर्म वीरता से भी वह प्रधान हो
कवि जन कला की रोशनी में तपन करें 
समाज देश की समस्याओं का कविता में चयन करें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें